EPFO Benefit : सरकारी नौकरी करने वाले या निजी क्षेत्र में काम करने वाले करोड़ों कर्मचारियों के लिए यह खुशखबरी से कम नहीं है। केंद्र सरकार ने EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) से जुड़ा एक नया सिस्टम 2025 से लागू करने की घोषणा की है, जिसके तहत अब सिर्फ 10 साल नौकरी करने पर भी जिंदगीभर पेंशन मिलेगी। यह फैसला उन लोगों के लिए खास है जो असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं या जल्दी रिटायर हो जाते हैं।
इस नई व्यवस्था से EPF धारकों को न सिर्फ सामाजिक सुरक्षा मिलेगी, बल्कि उनका भविष्य भी सुरक्षित होगा। आइए जानते हैं क्या है यह नया नियम, किन लोगों को मिलेगा फायदा और इसे लेने के लिए क्या करना होगा।
क्या है सरकार का नया EPFO सिस्टम?
2025 से सरकार EPFO पेंशन सिस्टम में कुछ अहम बदलाव करने जा रही है। अब तक EPF पेंशन योजना (EPS) के तहत पेंशन के लिए न्यूनतम 10 साल की नौकरी और 58 वर्ष की उम्र अनिवार्य थी, लेकिन कई बार कर्मचारी 10 साल की नौकरी पूरी नहीं कर पाते थे और उनका जमा पैसा सिर्फ रिफंड हो जाता था, पेंशन नहीं मिलती थी।
नए सिस्टम के मुताबिक:
- अगर किसी कर्मचारी ने 10 साल तक लगातार EPF में योगदान दिया है, तो वह 58 की उम्र के बाद लाइफटाइम पेंशन के लिए पात्र माना जाएगा।
- इसमें कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि कर्मचारी सरकारी क्षेत्र में काम करता था या निजी क्षेत्र में।
इस बदलाव के पीछे सरकार का उद्देश्य असंगठित और ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा देना है।
पहले क्या था नियम, अब क्या हुआ बदलाव?
पहले:
- 10 साल से कम नौकरी करने वालों को पेंशन नहीं मिलती थी, सिर्फ जमा रकम रिटर्न मिलती थी।
- बहुत से लोग जो नौकरी बदलते रहते थे या जल्दी नौकरी छोड़ देते थे, वे इस लाभ से वंचित रह जाते थे।
अब:
- जैसे ही आप 10 साल EPFO में योगदान पूरा कर लेते हैं, तो आप पेंशन के हकदार बन जाते हैं।
- अब छोटी अवधि के रोजगार वाले लोग भी सिर्फ 10 साल की सर्विस पर जीवनभर पेंशन पा सकेंगे।
कौन उठा सकता है इस योजना का फायदा?
- वे कर्मचारी जिनकी मासिक बेसिक सैलरी ₹15,000 या उससे कम है और जो EPS में नामांकित हैं।
- जिनकी कुल सर्विस अवधि कम से कम 10 साल पूरी हो चुकी है (भले ही एक ही कंपनी में न हो)।
- जो 58 वर्ष की उम्र पूरी करने के बाद रिटायर होते हैं।
- जिनका EPF अकाउंट UAN के जरिए एक्टिव रहा है और नौकरी में ब्रेक नहीं है।
कैसे मिलेगा पेंशन का फायदा?
- EPS फॉर्म 10D भरना होगा (ऑनलाइन या ऑफिस से)।
- UAN पोर्टल पर जाकर पेंशन क्लेम करना होगा।
- EPFO ऑफिस द्वारा आपका डेटा वेरीफाई किया जाएगा।
- अगर आप पात्र पाए जाते हैं, तो हर महीने आपके बैंक खाते में पेंशन ट्रांसफर की जाएगी।
EPS सिस्टम के फायदे क्या हैं?
- सिर्फ 10 साल नौकरी के बाद भी पेंशन का हक़ – यह पहली बार संभव होगा।
- जीवनभर पेंशन से बुजुर्ग अवस्था में आर्थिक सुरक्षा मिलेगी।
- निजी कर्मचारियों को भी सरकारी जैसी सुविधा मिलने लगेगी।
- यदि कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो परिवार को फैमिली पेंशन मिलती है।
- सरकार द्वारा EPFO पर सब्सिडी भी दी जाती है, जिससे रिटर्न बेहतर होता है।
क्या कहता है EPFO का डेटा?
- भारत में लगभग 27 करोड़ EPF सदस्य हैं, जिनमें से बड़ी संख्या 10 साल की नौकरी पूरी करने से पहले ही रिटायर या नौकरी छोड़ देती है।
- इन लोगों को अब तक पेंशन नहीं मिलती थी, लेकिन अब नई व्यवस्था से करोड़ों कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा।
किन बातों का रखना होगा ध्यान?
- EPF और EPS नंबर लिंक होने चाहिए।
- UAN नंबर से KYC अपडेटेड होना जरूरी है।
- पेंशन क्लेम करते समय नाम, DOB, बैंक अकाउंट सही दर्ज होना चाहिए।
- सर्विस हिस्ट्री में कोई गैप नहीं होना चाहिए।