Kisan Subsidy Scheme : अगर आप किसान हैं और खेती के लिए ट्रैक्टर या आधुनिक मशीनें खरीदना चाहते हैं, लेकिन बजट आड़े आ रहा है, तो अब चिंता करने की जरूरत नहीं है। सरकार किसानों को अब 50% तक की सब्सिडी पर ट्रैक्टर, थ्रेशर, सीड ड्रिल, पावर टिलर जैसे महंगे कृषि उपकरण उपलब्ध करवा रही है। यह लाभ SMAM योजना (Sub Mission on Agricultural Mechanization) के तहत दिया जा रहा है।
क्या है SMAM योजना?
SMAM यानी Sub Mission on Agricultural Mechanization – यह कृषि मंत्रालय की एक विशेष योजना है जिसका उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों तक आसान पहुंच देना है। इसके तहत केंद्र और राज्य सरकार मिलकर ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, सीड ड्रिल, रीपर, सप्रेयर आदि उपकरणों पर 40% से 50% तक सब्सिडी देती है।
योजना का उद्देश्य
- छोटे और सीमांत किसानों को तकनीकी सहायता देना
- खेती में आधुनिक उपकरणों का उपयोग बढ़ाना
- लागत घटाना और उत्पादन बढ़ाना
- कृषि कार्यों को आसान और समयबचाऊ बनाना
किस-किसको मिलेगा फायदा?
- छोटे और सीमांत किसान
- अनुसूचित जाति / जनजाति के किसान
- महिला किसान
- उत्तर पूर्व राज्यों के किसान
- किसान उत्पादक संगठन (FPO)
कौन-कौन से यंत्रों पर मिल रही है सब्सिडी?
- ट्रैक्टर (20–70 HP तक)
- पावर टिलर
- रोटावेटर
- थ्रेशर
- रीपर कम बाइंडर
- प्लांटर, सीड ड्रिल, लेज़र लेवलर
- सोलर स्प्रेयर और मल्टीक्रॉप थ्रेशर
सब्सिडी की दर कितनी है?
- सामान्य किसान: 40% तक
- अनुसूचित जाति/जनजाति और महिला किसान: 50% तक
- उत्तर पूर्व राज्यों के किसान: 60% तक
- अधिकतम सीमा राज्य और उपकरण के अनुसार तय होती है
आवेदन कैसे करें?
- सबसे पहले सरकार की पोर्टल पर जाएं
- “Apply Now” बटन पर क्लिक करें
- किसान रजिस्ट्रेशन करें या लॉगिन करें
- अपनी ज़मीन और पहचान संबंधी दस्तावेज़ अपलोड करें
- जिस यंत्र पर सब्सिडी चाहिए, उसे सिलेक्ट करें
- फॉर्म सबमिट करें और आवेदन संख्या सेव करें
कौन-कौन से दस्तावेज़ लगेंगे?
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड या आय प्रमाण पत्र
- जमीन के कागजात (खतौनी / पट्टा)
- पासपोर्ट साइज फोटो
- बैंक पासबुक की कॉपी (DBT के लिए)
- जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
कब और कैसे मिलेगा लाभ?
- सब्सिडी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के तहत सीधा किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है
- आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद सब्सिडी 3 से 6 हफ्तों में जारी होती है
- चयन सूची राज्य सरकार की वेबसाइट पर प्रकाशित की जाती है