Indian Railway New Rule : अगर आप भी हर बार ट्रेन टिकट बुक करते वक्त लोअर बर्थ (नीचे की सीट) मांगते हैं, तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। भारतीय रेलवे ने अब लोअर बर्थ को लेकर एक बड़ा और अहम फैसला लिया है। रेलवे के इस नए नियम के मुताबिक अब हर किसी को नीचे की सीट नहीं दी जाएगी, बल्कि सिर्फ कुछ खास कैटेगरी के यात्रियों को ही ये सुविधा मिलेगी।
रेलवे का नया नियम क्या कहता है?
रेलवे बोर्ड द्वारा जारी नए दिशानिर्देशों के अनुसार, लोअर बर्थ सीट को अब सिर्फ पात्र यात्रियों को प्राथमिकता के आधार पर दी जाएगी। इस नियम का उद्देश्य उन लोगों को प्राथमिकता देना है जिनके लिए ऊपर की सीट पर चढ़ना मुश्किल या असुविधाजनक होता है।
किन-किन यात्रियों को मिलेगा लोअर बर्थ?
रेलवे ने नीचे दी गई श्रेणियों को प्राथमिकता सूची में रखा है:
- सीनियर सिटीजन पुरुष (60 वर्ष या अधिक)
- सीनियर सिटीजन महिलाएं (58 वर्ष या अधिक)
- गर्भवती महिलाएं
- शारीरिक रूप से विकलांग यात्री
- दो साल से छोटे बच्चों के साथ यात्रा कर रही महिलाएं
इन यात्रियों को टिकट बुकिंग के समय ऑटोमेटिक एलॉटमेंट सिस्टम से लोअर बर्थ मिलने की अधिक संभावना होगी।
जनरल पैसेंजर को क्या करना होगा?
अगर आप इन पात्रता शर्तों में नहीं आते, तो लोअर बर्थ की गारंटी नहीं है। हालाँकि, आप टिकट बुक करते समय ‘Preferred Berth’ ऑप्शन में लोअर बर्थ चुन सकते हैं, लेकिन यह subject to availability होगा। TTE से भी सीट बदलवाने की रिक्वेस्ट की जा सकती है, लेकिन वह सीट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा।
RAC और लोअर बर्थ – क्या है नई व्यवस्था?
रेलवे ने RAC (Reservation Against Cancellation) टिकटधारकों के लिए भी एक अलग व्यवस्था लागू की है। यदि किसी वरिष्ठ नागरिक या दिव्यांग यात्री को टिकट कैंसिल किया गया है, तो उनकी लोअर बर्थ RAC यात्रियों को नहीं दी जाएगी, बल्कि प्राथमिक श्रेणी के किसी यात्री को ही ट्रांसफर की जाएगी।
लोअर बर्थ को लेकर गलतफहमियों से बचें
कई यात्री यह मानते हैं कि लोअर बर्थ पहले टिकट बुक करने पर मिलती है, लेकिन ऐसा नहीं है। अब सिस्टम पहले चेक करता है कि यात्री किसी प्राथमिक कैटेगरी में आता है या नहीं, और उसके बाद ही बर्थ का आवंटन किया जाता है। इसलिए केवल जल्दी बुकिंग से लोअर बर्थ की गारंटी नहीं है।
रेलवे का उद्देश्य – यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा
रेलवे का कहना है कि यह फैसला बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं और दिव्यांग लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। ऊपर चढ़ना कई बार दुर्घटना या गिरने का कारण बनता है, जिससे अब बचाव किया जा सकेगा।