Train Ticket Benefit : भारतीय रेलवे ने एक बार फिर अपने वरिष्ठ नागरिक यात्रियों को बड़ी राहत देते हुए ट्रेन टिकट पर भारी छूट की घोषणा की है। लंबे समय से चली आ रही मांगों और यात्रियों की उम्मीदों के बीच अब रेलवे ने तय किया है कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के यात्रियों को टिकट पर 50% तक की छूट मिलेगी। यह कदम देशभर के करोड़ों बुजुर्गों के लिए न केवल आर्थिक राहत देगा बल्कि उन्हें सम्मानपूर्वक यात्रा करने का अधिकार भी सुनिश्चित करेगा।
क्या है रेलवे का नया डिस्काउंट नियम?
नए नियम के अनुसार, 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के पुरुष और 58 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिलाएं अब ट्रेन टिकट की कुल कीमत पर सीधी छूट का लाभ ले सकेंगे। यह छूट Sleeper, AC 3-tier और AC Chair Car जैसी प्रमुख श्रेणियों पर लागू की जाएगी। इसका लाभ सभी सामान्य और आरक्षित टिकट बुकिंग में मिलेगा, चाहे टिकट काउंटर से बुक हो या ऑनलाइन IRCTC पोर्टल से।
पहले बंद थी यह सुविधा
कोविड महामारी के दौरान रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों को दी जा रही यह छूट अस्थायी रूप से बंद कर दी थी। उस समय यह तर्क दिया गया था कि रेलवे को भारी आर्थिक घाटा हो रहा है और भीड़ नियंत्रित करने के लिए यह कदम उठाया गया। हालांकि इसके बाद से लगातार वरिष्ठ नागरिकों द्वारा इस सुविधा को दोबारा शुरू करने की मांग की जा रही थी। अब जाकर यह सुविधा फिर से बहाल कर दी गई है और वह भी पहले से बेहतर लाभ के साथ।
बुजुर्गों को कैसे मिलेगा लाभ?
रेलवे के अनुसार, जैसे ही कोई यात्री अपनी उम्र प्रमाणित करता है, टिकट बुकिंग के समय सिस्टम स्वतः छूट की गणना कर लेगा। ऑनलाइन बुकिंग के लिए आधार कार्ड या वैध ID अपलोड करना जरूरी होगा और काउंटर बुकिंग के समय उम्र से जुड़े दस्तावेज दिखाने होंगे। इसके बाद यात्रा के समय भी टिकट चेकिंग के दौरान ID दिखाकर छूट को वैध माना जाएगा।
किन ट्रेनों में लागू होगी यह छूट?
यह छूट सभी मेल, एक्सप्रेस, सुपरफास्ट और कुछ चुनिंदा प्रीमियम ट्रेनों में लागू की जाएगी। फिलहाल राजधानी, शताब्दी और वंदे भारत जैसी ट्रेनों में यह छूट अभी लागू नहीं की गई है लेकिन भविष्य में इन ट्रेनों में भी सुविधा देने पर विचार किया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक बुजुर्ग नागरिक इस सुविधा का लाभ उठाकर अपने गंतव्य तक आरामदायक और सस्ती यात्रा कर सकें।
सामाजिक दृष्टिकोण से क्यों है यह कदम खास?
बुजुर्गों को यात्रा में छूट देना केवल आर्थिक लाभ नहीं, बल्कि समाज की जिम्मेदारी का संकेत भी है। यह कदम सरकार की उस सोच को दर्शाता है जिसमें वरिष्ठ नागरिकों को न केवल लाभार्थी बल्कि सम्माननीय नागरिक के रूप में देखा जाता है। इससे उनकी सामाजिक भागीदारी भी बढ़ेगी और परिवार से दूर रहने वाले बुजुर्ग आसानी से अपने बच्चों और रिश्तेदारों से मिलने जा सकेंगे।
निष्कर्ष
रेलवे का यह फैसला उन लाखों बुजुर्गों के लिए बड़ी राहत है जो सीमित पेंशन और आय में जीवन व्यतीत कर रहे हैं। 50% छूट से उनकी यात्रा न केवल सस्ती बल्कि सरल और सहज होगी। अगर आपके परिवार में भी कोई वरिष्ठ नागरिक है, तो उन्हें इस योजना की जानकारी जरूर दें ताकि वे भी इसका लाभ उठा सकें। यह योजना केवल यात्रा नहीं, सम्मान और सुविधा दोनों की ओर एक मजबूत कदम है।